हास्य कथाएं कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

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कॉमेडी कहानी 3 दोस्तों की - 1 By Roshan baiplawat

यह कहानी केवल काल्पनिक है । जिसमें तीन दोस्तों की कहानी होती हैं। जिसमें तीनों दोस्त अलग-अलग कैरेक्टर करते हुए दिखाई देते हैं । यहां से हम अपनी कहानी शुरू करतेहैं। मोहल्ले वाले (रो...

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समानांतर दुनिया - 1 By Mansi

( हास्य कथा ) Part 1 हेलो दोस्तो, केसे है आप स्वागत है आपका मेरी नई कहानी "समानांतर दुनिया" में समानांतर दुनिया मतलब हमारे जेसी ही एक दूसरी दुनिया यानी की Parallel universe,दूसरी प...

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बाबू जी की मुक्त शैली पिटाई - 1 By संदीप सिंह (ईशू)

बाबू जी की मुक्त शैली पिटाई भाग - 1 आप सभी प्रेरक पाठक गणों को मेरा (संदीप सिंह का) राम-राम, गुरु आप लोग खुशहाल और चकाचक (स्वस्थ) होंगे| ईश्वर का आशीर्वाद आप सभी पर सदैव बना रहे और...

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चरणनंदन का अभिनंदन - 1 By Tripti Singh

ये मेरी पहली कहानी है! मातृभारती पर! अगर कोई भी गलती हुई हो तो मैं क्षमाप्रार्थी हूँ ! गुटखा चबाते हुये बड़े ही स्टाईल से जब चरणनन्दन ने घर में प्रवेश लिया तभी अचानक से उसके सिर पर...

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बुढ़ापे से जवानी की ओर (सच्ची घटना) - 1 By r k lal

बुढ़ापे से जवानी की ओर (सच्ची घटना) आर० के० लाल   “अरे अंकल! चल रहे हैं “? राहुल ने पूछा। कहां चलना है, पूछने पर राहुल ने उत्तर दिया, “आपको पता नहीं है, दो दिन पहले राकेश अंकल गिर...

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डंकी फंकी सैंकी By बैरागी दिलीप दास

एक समय की बात है, जाम्बोरे के जीवंत जंगल में डंकी नाम का एक गधा, फंकी नाम का एक शरारती बंदर, सैंकी नाम का एक बुद्धिमान बूढ़ा बंदर और स्टेप नाम से जाना जाने वाला एक चिड़चिड़ा, अतिसक...

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हास्य का तड़का - 1 By Devaki Ďěvjěěţ Singh

घंटी छबिली लैला से, ये बात बात में तू घंटी क्यों बजाती रहती है ? लैला, क्या करूँ यार तुझे तो पता ही है तेरे जीजाजी स्कूल मास्टर हैं , चिल्ला चिल्ला के मर जाती हूँ फिर भी उन्हें मेर...

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प्यार में बन गए उल्लू - 1 By Sanju Sharma

आँखें उसकी उत्तर दखिण.

जूनियर कॉलेज पास करके डिग्री में कदम रखा ही था, ज्यादा कुछ बदलाव नही आया था सिवाय इसके कि, जूनियर कॉलेज में लड़कियों से दोस्ती करने की उम्मीद में नज़रें बिछी...

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बीवी से पंगा, पड़ गया महँगा - भाग 1 By Sanju Sharma

मेरी मति मारी गयी थी कि पिछले साल मई की एक दुपहरिया में "मर्द उद्धार शिविर" में एक दोस्त के साथ पहुँचाशायद मेरे दोस्त ने मेरी बीवी के सामने मेरी बोलती बन्द जैसी हालत देख ली थी और म...

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भूतिया कार By Ravi

एक आदमी अपने दफ़्तर से थका हारा पूरा दिन काम करने के बाद घर लौट रहा था......रास्ते में अचानक उसकी गाड़ी खराब हो गयी...रात काफी थी..एकदम घना अंधेरा था...धूप्पमोबाइल का नेटवर्क भी नही...

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तुमसा नहीं देखा.. By Saroj Verma

ये बात सन् १९८० की है,तब हम लोग उत्तर प्रदेश के बाँदा जिले के छोटे से कस्बे अतर्रा में रहा करते थे,मेरे पापा वहाँ के हिन्दू इण्टर काँलेज में अध्यापक थे,मैं उस समय बी.ए.पास करके एम....

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हंसी के महा ठहाके - 1 By Dr Yogendra Kumar Pandey

हंसी के महा ठहाके (हास्य - व्यंग्य धारावाहिक) भाग 1 प्रस्तुत हास्य व्यंग्य के धारावाहिक में एक आम नागरिक मामा मौजी राम और उनके शिष्य सवालीराम के किस्से हैं।अपने पास-पड़ोस में बिखरे...

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मासूम एडवेंचर By Arun Singla

मासूम एडवेंचर हमारी भाभी जी हाउस वाइफ हैं,और अपने घर परिवार में मस्त रहती हैं, या यूँ कहिये की उनकी दुनिया परिवार, रिश्तदारों, सगे सम्बन्धियों, और मेड तक ही सीमित थी. वें रहती तो द...

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शॉपिंग का ज्ञान By Arun Singla

“भाई एक फडकती हुई खबर तुझे देनी है, खुश हो जा“ फ़ोन पर मेरा दोस्त तरुण चहचहा रहा था “क्यों, तेरे घर दीपिका आ रही है” “हाय, ऐसी किस्मत कहाँ, दीपिका तो नही आ रही, उसने ठंडी आह भरी, पर...

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खाली दिमाग By Megha Rathi

खाली दिमागसब कहते है खाली दिमाग शैतान का घर होता है। सुना तो मैंने भी यही है मगर ये दिमाग कभी खाली होता भी है क्या? वो क्या है न कि विज्ञान कहता है कि दिमाग ही पूरे शरीर को संचालित...

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मालगाड़ी का सफ़र - 1 By शिव प्रसाद

भाग १ ... विनोद को फ़िल्में देखने का बहुत शौक़ था । उसका बस चलता, तो रोज़ एक फ़िल्म देख लेता । लेकिन तब, यानी १९७० के दशक में तो कई फ़िल्में छोटे शहरों और कस्बों तक में भी चार-छः हफ्ते...

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ऑफ़िस - ऑफ़िस - 1 By R.KapOOr

सूचना - ये एक काल्पनिक कहानी है और इसका जीवित यां मृत किसी व्यक्ति से कोई लेनादेना नहीं है। अगर ऐसा हुआ है तो ये महज़ एक संयोग है। इस कहानी को केवल पाठकों के मनोरंजन हेतु लिखा गया ह...

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लौट के बुद्धू घर को आये - (पार्ट 1) By Kishanlal Sharma

बाबानाम सुनते ही आप सोचने लगेे होंगे । केसरिया वस्त्र , बड़ी बड़ी जटा, हाथ मे कमंडल और चिमटा या किसी नंग धड़ंग शरीर पर भभूत लगाए या किसी इसी तरह के बाबा के बारे में आप...

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कहानी भोला की - 1 By राज कुमार कांदु

भोला सत्रह साल का एक ग्रामीण युवक था । अपने नाम के अनुरूप ही सीधा सादा और भोला या यूँ भी कह सकते हैं नाम से भी ज्यादा भोला ।उसके पिताजी बचपन में ही गुजर गए थे । शोषित जाति का होने...

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चोलबे ना - 1 By Rajeev Upadhyay

चच्चा खीस से एकमुस्त लाल-पीला हो भुनभुनाए जा रहे थे मगर बोल कुछ भी नहीं रहे थे। मतलब एकदम चुप्प! बहुत देर तक उनका भ्रमर गान सुनने के बाद जब मेरे अन्दर का कीड़ा कुलबुलाने लगा। अन्त म...

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असत्यम्। अशिवम्।। असुन्दरम्।।। - 1 By Yashvant Kothari

(व्यंग्य -उपन्यास) समर्पण अपने लाखों पाठकों को, सादर । सस्नेह।। -यशवन्त कोठारी 1 इस बार महाशिवरात्री और वेलेन्टाइन-डे लगभग साथ-साथ आ गये। युवा लोगों ने वेलेन्टाइन-डे मनाया। कुछ लड़क...

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Hostel Boyz (Hindi) - 1 By Kamal Patadiya

प्रस्तावना : 20वीं सदी की शुरुआत में हमारे जीवन का एक नया अध्याय शुरू हुआ। हॉस्टल लाइफ का अनुभव मेरे जीवन में नया था और मैं इसे लेकर बहुत उत्साहित था। मैंने Graduation किया और Post...

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मंत्री जी पोजेटिव हो गए (व्यंग्य ) By Alok Mishra

मंत्री जी पोजेटिव हो गए ( व्यंग्य ) आप का चौंकना स्वाभाविक ही है । ये अंग्रेजी भाषा का शब्द “ पोजेटिव “ अचानक महामारी के चलते कितना खतरनाक हो गया । जो लोग पहले अपने पोजेटिव...

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गुजराती हिन्दी की भाषाई नोंक झोंक - 4 By Manju Mahima

गुजराती हिन्दी की भाषाई नोंक झोंक संस्मरण-3 -लैंगा एक प्रसिद्ध कहावत है, ' कोस कोस पर पानी बदले, 3 कोस पर बानी.' सो यही हाल है हमारे भारत में. राजस्थान में राजस्थानी और हि...

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लाल स्कूटी वाला - 1 By Aakanksha

इस कहानी का मुख्य पात्र अक्षिता नाम की लड़की हैं, वह १२ वीं कक्षा में पढ़ती हैं।इस कहानी का शीर्षक आपको थोड़ा सा अजीब लगा होगा! यह कहानी वैसे तो थोड़ी सी न...

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जासूसी का मज़ा भाग -1 By Kanupriya Gupta

रसोई से सुबह सुबह आती कचोरी और हलवे के घी की खुशबू किसी खास अवसर के होने की गवाही दे रही थी. चटोरों के शहर इंदौर के वैशाली नगर का ये घर जिसके बाहर नेमप्लेट पर ऊपर बड़े बड़े अक्षर में...

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राशिफ़ल - 1 By Kishanlal Sharma

अखबार आते ही रोज़ की तरह दिन भर का भविष्य जानने के लिए,पेज पलटा।राशिफ़ल वाले कालम में अपनी राशि पर नज़र पड़ते ही आंखे फ़टी सी रह गई।कंही गलती से दूसरी राशि तो नही देख गए।यह भरम होते ही...

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बस नमक ज़्यादा हो गया - 1 By Pradeep Shrivastava

बस नमक ज़्यादा हो गया प्रदीप श्रीवास्तव भाग 1 उसके पेरेंट्स कभी नहीं चाहते थे कि वह स्कूल-कॉलेज या कहीं भी खेल में हिस्सा ले। लेकिन वह हिस्सा लेती, अच्छा परफॉर्म करके ट्रॉफी भी जीत...

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लकड़बग्घा - 1 By सिद्धार्थ शुक्ला

एक जंगल था उसमे था एक लकड़बग्घा! हुआ यूं कि शातिर कोबरा ? ने उसे एक दिन धर लिया और उसका एक वीडियो बना डाला। कुछ दलाली टाइप की डील थी उस वीडियो में जिसके अंतर्गत लकड़बग्घे को एक भेड़िय...

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शौकीलाल जी का स्कूटर प्रेम - भाग 1 By Krishna manu

आज जहाँ लोग-बाग बुलेट ट्रेन पर सफर करने का सपना लिये फिरते हैं। हवाई जहाज पर सफ़र करने का ख़्वाब देखते हैं । अब तो रॉकेट-यात्रा की बात भी की जाने लगी है । वहां ये, हमारे शौकीलाल जी,...

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उफ्फ ये मुसीबतें - 1 By Huriya siddiqui

हम सब बहोत आम है बेहद आम दरअसल कहा जाए तो हम आम जनता हैकभी कभी तो आम खाने के भी लाले पड़ जाते हैं अरे बात बजट की आ जाती है और कभी कभी बिन बुलाए मेहमान भी आ जाते हैं जिसके चलते अपने...

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कहानी सब्जीपुर की By राज कुमार कांदु

सब्जीपुर के युवराज ‘ आलू चंद ‘ की विवाह योग्य उम्र होते ही राज्य के सभी मंत्री , दरबारी उनके लिए सुयोग्य नायिका की खोज में लग गए ।सब्जी पुर की कई यौवनाएँ मन ही मन आलूचन्द के सपने...

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जो घर फूंके अपना - 1 - चीनी हमले से लुप्त हुई फ़ौजी जीवन की मीठास By Arunendra Nath Verma

जो घर फूंके अपना 1 चीनी हमले से लुप्त हुई फ़ौजी जीवन की मीठास उन्नीस सौ बासठ में भारत पर चीनी आक्रमण के लिए भारतीय सेनायें कतई तैयार नहीं थीं. चीनी थलसेना ने भारतीय थलसेना पर एक-एक...

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दो बाल्टी पानी By Sarvesh Saxena

"अरे नंदू… उठ के जरा देख घड़ी में कितना टाइम हो गया है " मिश्राइन ने चिल्ला कर कहा| "अरे मम्मी सोने भी नहीं देती सोने दो ना" नंदू अपनी दोनों बाहें और मुंह फैलाते हुए बोला l "हे भगव...

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एक प्याली चाय और शौकीलाल जी - भाग-1 By Krishna manu

किस्सा उन दिनो का है जब बिल्ली के भाग से सिकहर टूटा था। कम्पनी के एक कर्मचारी को लम्बी अवधि के लिए अवकाश जाने के कारण रिक्त हुए स्थान पर छह महीने की अस्थायी नौकरी पर हमारे शौकीलाल...

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पाँच सवाल और शौकीलाल जी - 1 By Krishna manu

शौकीलाल जी के बढ़ते कदम में मैंने बेड़ी डाल दी। ज्योंही वे मेरे क्वाटर के सामने से गुजरने लगे, मैं उन्हें घेर कर खड़ा हो गया। शाम के आठ बजने वाले थे। मैं फुर्सत में था...

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शौकीलाल जी का खत चोर जी के नाम - 1 By Krishna manu

सर्व गुण संपन्न, सर्व शक्तिवान श्री श्री 108 श्री चोर जी महाराज ! चरण युगल में अकिंचन शौकीलाल का साष्टांग दण्डवत। मैंने कई कई रातें जाग कर, अपने नालेज को ठोक-पीट कर , सब...

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अफसर का अभिनन्दन - holi pr vishesh By Yashvant Kothari

कामदेव के वाण और प्रजातंत्र के खतरे यशवन्त कोठारी होली का प्राचीन संदर्भ ढूंढने निकला तो लगा कि बसंत के आगमन के साथ ही चारों तरफ कामदेव अपने वाण छोड़ने को आतुर हो जाते हैं मा...

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Khatte Mithe Vyang : 1 By Arunendra Nath Verma

नाम के पीछे आई ए एस के गरिमामय दुमछल्ले को जोड़ने वाले मेरे छोटे भाई की कार मेरे घर के सामने उन्होंने कई बार खड़ी देखी तो अपने कौतूहल को वे रोक नहीं पाए. भाई को अपने रुतबे से जलने वा...

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उफ्फ ये मुसीबतें - 1 By Huriya siddiqui

हम सब बहोत आम है बेहद आम दरअसल कहा जाए तो हम आम जनता हैकभी कभी तो आम खाने के भी लाले पड़ जाते हैं अरे बात बजट की आ जाती है और कभी कभी बिन बुलाए मेहमान भी आ जाते हैं जिसके चलते अपने...

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पाँच सवाल और शौकीलाल जी - 1 By Krishna manu

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शौकीलाल जी का खत चोर जी के नाम - 1 By Krishna manu

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अफसर का अभिनन्दन - holi pr vishesh By Yashvant Kothari

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Khatte Mithe Vyang : 1 By Arunendra Nath Verma

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